मोरिंगा का नाम तो आप सबने सुना ही होगा। कुछ लोग इसे सहजन कहते हैं। जो इसे भी न समझ पा रहे हों उन्हें हम बता दें कि सांभर में हरे रंग की लकड़ी जैसी दिखने वाली सब्जी मोरिंगा यानी ड्रमस्टिक होती है। हालांकि बहुत से लोग खाने के दौरान इसे थाली से किनारे कर देते हैं लेकिन यहां हम बताने जा रहे हैं डमस्टिक के कुछ गुणकारी तत्वों के बारे में, जिन्हें जानने के बाद आप कभी थाली से इस फली को अलग नहीं करेंगे। साथ ही मोरिंगा के तेल को भी कम गुणकारी नहीं माना जाता।
क्या होता है सहजन या मोरिंगा
मोरिंगा एक प्रकार का पेड़ होता है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों में इसकी खूब पैदावार होती है। हिंदी में इसे ‘सहजन की फली’ कहते हैं।
इसकी पत्ती, फूल, फल, बीज, जड़ और लकड़ी हर किसी को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। मोरिंगा, पेड़ पर पतली, लंबी, हरे रंग की ट्यूब जैसी दिखाई देने वाली सब्जी होती है। इससे सांभर, स्मूदी और अचार तैयार करते हैं। खासकर दक्षिण भारतीय राज्यों में इसका इस्तेमाल खूब होता है।
क्या है मोरिंगा ( moringa) में
फैट- 1.4 ग्राम
सोडियम- 9 मिलीग्राम
पोटैशियम- 337 मिलीग्राम
कार्बोहाइड्रेट- 8.3 ग्राम
डायट्री फाइबर- 2 ग्राम
प्रोटीन- 9.4 ग्राम
सुपरफूड क्यों?
बेहतर स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए इसमें सभी जरूरतमंद पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं. इसमें प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं जो अच्छे सेल को नष्ट होने से बचाते हैं. ये पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और त्वचा पर इंफेक्शन ठीक करने में भी ये मददगार है. इसलिए इसे सुपरफूड कहा जाता है.
मोरिंगा के फायदे
– मोरिंगा में विटामिन-ए, बी1, बी2, बी3 और बी6 पाया जाता है। साथ ही इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम भी पाया जाता है।
– इसमें फैट मामूली मात्रा में पाया जाता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में ये कारगर है।
– मोरिंगा में ‘नियाजिमिसिन’ नामक पदार्थ पाया जाता है जो कैंसर सेल को बनने से रोकता है।
– मोरिंगा एक प्रकार से एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-बायोटिन एजेंट की तरह काम करती है जो पेट की समस्याओं और गैस्ट्रिक परेशानी से बचाती है. इसमें मौजूद विटामिन-बी पाचन क्रिया को बेहतर करने में मददगार होते हैं।
– मोरिंगा में कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करते हैं।
– डिप्रेशन, घबराहट और थकावट को भी मोरिंगा का सेवन दूर करता है।
– इसमें पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट्स, दिल को स्वस्थ रखते हैं।
– मोरिंगा का सेवन ब्लड में ग्लूकोज नियंत्रित करता है जिससे डायबिटीज़ के होने का खतरा दोगुना कम हो जाता है।
– फाइबर में काफी अच्छी होती है. लंबे समय तक पेट भरा रखती है।
– पालक के बाद आयरन की कमी दूर करने के लिए मोरिंगा डायट में शामिल कर सकते हैं. खासकर वीगन डायट फॉलो करने वाले. ये खून को साफ करती है. ऑक्सीजन को मांसपेशियों, ऑर्गन और टिशू तक पहुंचाती है।
वजन घटाए
मोरिंगा में भरपूर मात्रा में विटामिन-बी पाया जाता है। ये पाचन क्रिया को बेहतर करती है। खाने को फैट में नहीं बल्कि एनर्जी में बदलती है। फाइबर होने के कारण पेट को लंबे समय तक भरा रखती है और वजन घटाने में मदद करती है।
एंटी एजिंग है सहजन
मोरिंगा यानी सहजन की फली में ऐसे प्रोटीन्स होते हैं जो त्वचा के सेल्स नष्ट होने से बचाते हैं। ये एंटी-बैक्टीरियल गुण रखती है, इसलिए मोरिंगा का तेल स्किन पर लगाएं। इससे त्वचा टाइट रहती है।
ये स्किन को हाइड्रेट रखती है और विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। त्वचा पर होने वाले मुहांसों और इंफेक्शन से भी ये बचाती है। मोरिंगा तेल और मोरिंगा पाउडर को बराबर मात्रा में मिला लें। चेहरे पर लगाएं। इससे एजिंग प्रक्रिया धीमी होती है। चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती।
– जिन लोगों को मुंहासों की समस्या होती है वे मोरिंगा के तेल का इस्तेमाल करें।
बालों के लिए
मोरिंगा के बीज का तेल बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। ये फ्री-रैडिकल्स से बचाता है और बालों को मजबूत बनाता है।
– मोरिंगा की पत्तियों को 15 मिनट के लिए पानी में भिगोकर रखें। रात में सोने से पहले इसका सेवन करें. नींद अच्छी आएगी और अगले दिन तरोताज़ा रहेंगे।
– होंठों पर रात में 15 दिन तक मोरिंगा का तेल लगाकर सोएं। कटे-फटे होंठों से छुटकारा मिलेगा।
आपको बता दें कि दक्षिण भारत में सहजन के पेड़ पर साल भर फली लगती है लेकिन उत्तरी भारतीय राज्यों में यह पेड़ साल में केवल एक बार ही फल देता है।