नई दिल्ली : भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के वरिष्ठ अधिकारी विजय केशव गोखले को सोमवार (01 जनवरी) को दो साल के कार्यकाल के लिए विदेश सचिव नियुक्त किया गया . एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई. साल 1981 बैच के अधिकारी गोखले मौजूदा विदेश सचिव एस जयशंकर की जगह लेंगे . जयशंकर का कार्यकाल 28 जनवरी को पूरा होगा.
चीन मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले गोखले (58) अभी विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं . वह 20 जनवरी 2016 से 21 अक्तूबर 2017 तक चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं . उन्होंने पिछले साल डोकलाम में भारतीय थलसेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच 73 दिन तक चले गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच हुई बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी .
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (सीसीए) ने विदेश सचिव के पद पर गोखले की नियुक्ति को मंजूरी दी है . गोखले का कार्यकाल दो साल का होगा . नियमों के मुताबिक, विदेश सचिव, रक्षा सचिव, गृह सचिव, सीबीआई निदेशक और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक के पदों पर नियुक्त होने वाले अधिकारी का कार्यकाल दो साल निर्धारित है.
गोखले अक्तूबर 2013 से जनवरी 2016 तक जर्मनी में भारत के राजदूत रह चुके हैं . उन्होंने हांगकांग, हनोई, बीजिंग और न्यूयॉर्क के भारतीय मिशनों में भी अपनी सेवाएं दी हैं . वह विदेश मंत्रालय में निदेशक (चीन एवं पूर्वी एशिया) और संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) के पदों पर भी काम कर चुके हैं .
जयशंकर को सेवानिवृति से चंद दिन पहले 29 जनवरी 2015 को दो साल के कार्यकाल के लिए विदेश सचिव नियुक्त किया गया था . उन्हें सुजाता सिंह की जगह विदेश सचिव बनाया गया था . सुजाता के कार्यकाल में सरकार ने अचानक कटौती कर दी थी. साल 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी जयशंकर को जनवरी 2017 में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था .