वॉशिंगटन. ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को जुलाई-सितंबर तिमाही में 2.1 अरब डॉलर (14910 करोड़ रुपए) का मुनाफा हुआ। यह पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 28% कम है। 2018 की सितंबर तिमाही में 2.9 अरब डॉलर का प्रॉफिट हुआ था। ऑर्डर डिलीवरी में तेजी लाने के लिए कंपनी ने भारी निवेश किया। यह मुनाफे में कमी की वजह मानी जा रही है। अमेजन ने गुरुवार को नतीजे घोषित किए।
दिसंबर तिमाही में 80-86.5 अरब डॉलर का रेवेन्यू अनुमान
कंपनी ने प्राइम मेंबरशिप वाले ग्राहकों के लिए 2 दिन की बजाय 1 दिन में डिलीवरी की सुविधा शुरू की थी। इसलिए सितंबर तिमाही में शिपिंग खर्च 46% बढ़कर 9.6 अरब डॉलर (68160 करोड़ रुपए) पहुंच गया। हालांकि, इससे बिक्री में इजाफा हुआ और कंपनी का रेवेन्यू 24% बढ़कर 70 अरब डॉलर (4.97 लाख करोड़ रुपए) पहुंच गया। पिछले साल सितंबर तिमाही में 56.6 अरब डॉलर था।
अमेजन ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 80 अरब से 86.5 अरब डॉलर के रेवेन्यू और 1.2 अरब डॉलर से 2.9 अरब डॉलर के प्रॉफिट की उम्मीद जताई है।
कंपनी के मुनाफे में प्रमुख हिस्सेदारी वाली वेब सर्विस (एडब्ल्यूएस) से 9 अरब डॉलर (63900 करोड़ रुपए) का रेवेन्यू मिला। यह पिछले साल की सितंबर तिमाही के मुकाबले 35% ज्यादा है, लेकिन पिछले 4 साल में सबसे कम है। कंपनी ने 2015 में एडब्ल्यूएस रेवेन्यू के आंकड़े देना शुरू किया था।
अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ने नतीजों पर कहा कि निवेश लंबी अवधि के लिए फायदेमंद होगा। ग्राहक दो दिन की बजाय एक दिन में डिलीवरी की सुविधा को पसंद कर रहे हैं। इस फैसिलिटी के बाद ऑर्डर में काफी इजाफा देखा जा रहा है।
(कन्वर्जन : 1 डॉलर = 71 रुपए के आधार पर)