केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की तलाश के लिए विशेष दल का गठन किया है। जांच एजेंसी ने राजीव को सारदा चिटफंड घोटाले में मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। ऐसे में अब उनकी गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है।
राजीव कुमार वर्तमान में पश्चिम बंगाल सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। सीबीआई इससे पहले भी उन्हें दो बार नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब कर चुकी है। मगर, उन्होंने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए। सीबीआई ने अब विशेष दल गठित कर राजीव की तलाश शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैं कि जांच एजेंसी अन्य कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है। बार-बार नोटिस के बावजूद पूछताछ के लिए हाजिर न होने पर सीबीआई अब राजीव कुमार को गिरफ्तार कर सकती है।
डीजीपी और मुख्य सचिव को भेजा पत्र
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि वे राजीव कुमार को जांच दल के सामने उपस्थित होने का निर्देश दें।
25 सितंबर तक छुट्टी पर
पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने बीते सोमवार को एक पत्र के जरिए सीबीआई को बताया था कि राजीव के आधिकारिक आवास पर नोटिस भेजे गए हैं, जिनका जवाब आना बाकी है। साथ ही डीपीजी ने कहा था कि राजीव ने अपने वकील के जरिए उन्हें बताया है कि वह 25 सितंबर तक छुट्टी पर हैं।
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार
सीबीआई से बचने की कोशिश कर रहे राजीव कुमार ने कोलकाता की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। यचिका में कहा गया था कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। न्यायाधीश संजीब तालुकदार की विशेष अदालत ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई से इनकार दिया। अदालत ने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। राजीव कुमार अगर चाहें तो वे अपनी याचिका लेकर बारासात के जिला सत्र न्यायालय जा सकते हैं।
उच्च न्यायालय से राहत भी खत्म
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी बीते 13 सितंबर को राजीव कुमार को गिरफ्तारी से संरक्षण का अपना अंतरिम आदेश वापस ले लिया था। अदालत ने सीबीआई के नोटिस को रद्द करने संबंधी कुमार की याचिका को भी खारिज कर दिया था।
यह है मामला
सारदा समूह पर लोगों को उनके निवेश पर भारी मुनाफा देने का झांसा देकर करीब 2,500 करोड़ रुपये हड़प लेने का आरोप है। बंगाल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया था। इस दल में कोलकाता के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार भी शामिल थे। उच्चतम न्यायाल ने वर्ष 2014 में चिटफंड से जुड़े अन्य मामलों के साथ ही इस मामले की जांच का जिम्मा भी सीबीआई को सौंप दिया था।