किशमिश एक प्रकार का अंगूर होता है जिसे लगभग तीन सप्ताह तक सुखाया जाता है। अंगूर सूखने के साथ काले पड़ जाते हैं, जिससे किशमिश गहरे भूरे रंग की हो जाती है I अक्सर यह सुनहरे, हरे या काले रंग के होते है। किशमिश का उत्पादन दुनिया के कई क्षेत्रों में किया जाता है और इसे कच्चा खाया जा सकता है या खाना पकाने, बेकिंग में इसे इस्तेमाल किया जा सकता है l
१. रक्तचाप को नियंत्रित करता है
अत्यधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप का कारण माना जाता है। किशमिश में मौजूद पोटेशियम शरीर में नमक की मात्रा को संतुलित करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदत करता है। नियमित रूप से किशमिश खाने से उच्च रक्तचाप जैसे हृदय संबंधी जोखिम कारकों को कम करने में मदत मिल सकती है l
२. पाचन में है सहायक
किशमिश में फाइबर अधिक मात्रा में होते हैं और पानी में भिगोने पर वे प्राकृतिक विरेचक का काम करते हैं। इस प्रकार, भीगी हुई किशमिश खाने से कब्ज को रोकने में मदत मिलती है और पाचन प्रक्रिया में भी सहायता होती है।
३.वजन घटाने में करे मदत
किशमिश प्राकृतिक शर्करा से भरी होती है जो ज्यादा कैलोरी लिए बिना ही स्वीट क्रेविंग को रोकने में फायदेमंद होती है। लेकिन उन्हें उचित प्रमाण में ही खाएं । वे रक्त शर्करा के स्तर और बीट क्रेविंग को नियंत्रित करने में मदत करते हैं और यह सब वजन घटाने में मदत करता है।
४.इम्युनिटी बूस्ट करने में मदत करता है
विटामिन बी और सी से भरपूर, किशमिश प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदत करती है।
५. हड्डियों की ताकत बढ़ाता है
हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक बोरोन, किशमिश में बड़ी मात्रा में मौजूद होता है। किशमिश कैल्शियम से भी भरे होते हैं जो हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक होते हैं। भीगी हुई किशमिश खाने से इन पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में मदत मिलती है और इस प्रकार, हड्डियों के घनत्व में सुधार होता है।
६.सांसों की बदबू को रोकता है
किशमिश के एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह की स्वच्छता बनाए रखने और सांस की बदबू से छुटकारा पाने में मदत करते हैं।
७. एनीमिया से बचाता है
आयरन शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए सबसे आवश्यक तत्व है। किशमिश, आयरन से भरपूर होती है और ये शरीर में रक्त की आपूर्ति बढ़ाने में मदत करती हैं और इस तरह एनीमिया को रोकती हैं।
८.एसिडिटी को रोकें
किशमिश में आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे लाभकारी खनिजों की पर्याप्त मात्रा होती है। ये क्षारीय खनिज पेट में अम्लता के स्तर को संतुलित करने में मदटी करते हैं।
९. नेत्र स्वास्थ्य की रक्षा करें
किशमिश में मौजूद पॉलीफेनोल, एंटीऑक्सिडेंट गुणों के कारण आंखों की कोशिकाओं का फ्री रेडिकल्स से बचाव करते हैं। इससे यह बदले में आंखों के विकारों से बचाने में मदद कर सकता है, जैसे कि बढ़ती उम्र के कारण होनेवाले मैकुलर डीजनरेशन और मोतियाबिंद से बचाव में सहायता मिलती है।
१०. त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार
एंटीऑक्सिडेंट त्वचा कोशिकाओं को युवा रखने और उम्र बढ़ने से होनेवाले नुकसान से बचाव् करने में मदत कर सकते हैं। किशमिश में विटामिन सी, सेलेनियम और जिंक जैसे मूल्यवान पोषक तत्व भी होते हैं। पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट के संयोग से यह त्वचा के स्वास्थ्य को बनाये रखने में फायदेमंद है।
किशमिश को कच्चा खाने के बजाय उन्हें रातभर पानी में भिगोये और सुबह खली पेट अच्छे से चबाकर खाये। किशमिश की बाहरी त्वचा में मौजूद विटामिन और खनिज पानी में घुल जाते हैं। इस प्रकार इन पोषक तत्वों को शरीरद्वारा ज्यादा अच्छे से अवशोषित किया जा सकता है। यह विशेष रूप से उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है। इस तरह,किशमिश का एंटीऑक्सिडेंट स्तर भी बढ़ जाता है।
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