ज्वार एक मोटा अनाज है। ज्वार का रंग पीला, भूरा लाल व सफेद होता है। ज्वार कई सारे पोषक तत्व और फ़ाइबर से भरपूर होता है। इसीलिए इसके सेवन से वज़न घटाने में बहुत मदद मिलती है। अधिकतर लोग ज्वार को पीसकर उसका आटा बनवाते हैं। ज्वार का आटा प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। जो हृदय और मधुमेह रोगियों के लिए फ़ायदेमंद है। ज्वार के फ़ायदे बवासीर और घावों को भरने में भी कारगर हैं। गर्मियों में इसका सेवन शीतलता प्रदान करता है। तो ज्वार और ज्वार की रोटी को अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें।
ज्वार के फ़ायदे:
1. पोषक तत्व
ज्वार में मिनरल, प्रोटीन, फ़ाइबर, पोटैशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन और विटमिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
2. दांतों की ख़ास देखभाल के लिए
दांतों की ख़ास देखभाल के लिए ज्वार के दानों का राख बनाकर मंजन करें। इस मंजन को करने से दांत का दर्द बंद हो जाता है तथा मसूढ़ों की सूजन भी समाप्त हो जाती है।
3. वज़न घटाने में मदद करें
ज्वार में बहुत सारा फ़ाइबर पाया जाता है। इसलिए इसे अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें। इसे खाने से आपका वज़न नही बढ़ता है और आप मोटापे से भी बचे रहते हैं।
4. कब्ज़ को दूर करें
अगर आपको कब्ज़ की समस्या है तो आज से ही आप अपने खाने में ज्वार की रोटी को शामिल करें। इसे खाने से आपको कब्ज़ की समस्या से निजात मिलता है।
5. शरीर की जलन को दूर करें
अगर शरीर में जलन हो रही हो तो ज्वार का आटा पानी में घोल लें और फिर इस घोल का लेप शरीर पर लगा लें। इससे जलन धीरे धीरे कम हो जाती है।
6. कील व मुहांसों को दूर करें
अक्सर लोग कील मुहांसों को लेकर बहुत परेशान हो जाते हैं। क्योंकि कील मुहांसों के कारण ख़ूबसूरती भी कुछ फ़ीकी पड़ जाती है। तो कील मुहांसों को दूर करने के लिए इस घरेलू उपाय को ज़रूर करें।
घरेलू उपाय – ज्वार के कच्चे दाने पीसकर उसमें थोड़ा कत्था व चूना मिलाकर कील व मुहांसों पर लगाए, इससे कील मुहांसे गायब हो जाएंगे।
7. पेट की जलन शांत करें
भुनी ज्वार बताशे के साथ खाने से पेट की जलन शांत हो जाती है।
8. मासिक धर्म के विकार को दूर करें
मासिक धर्म के दर्द या कोई अन्य समस्याओं में ज्वार के फ़ायदे होते हैं। ज्वार के भुट्टे को जलाकर छान लें। इस राख को 3 ग्राम मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह के समय खाली पेट सेवन करें। इस उपाय को मासिक-धर्म शुरू होने से लगभग एक सप्ताह पहले करें और जब मासिक-धर्म शुरू हो जाए तो इसका सेवन बन्द कर दें। इससे मासिक धर्म के सभी विकार नष्ट हो जाते हैं।
9. प्यास अधिक लगने पर
अगर प्यास अधिक सताए तो गरमागरम ज्वार की रोटी बनाएं और इस रोटी को छाछ में भिगोकर खाने से प्यास कम लगती है।
सावधानी:
ज्वार की रोटी कमज़ोर और वात पित्त के रोगी को न दें और अगर ज्वार की रोटी थोड़ी खाने को दे तो ज्वार के संग गुलकन्द मिलाकर दें। गुलकंद मिलाकर ज्वार की रोटी का सेवन करने से ज्वार के दोष दूर हो जाते हैं।
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