- नीम का उपयोग प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटी बनाने लिए किया जाता रहा है। नीम को Indian Lilac भी कहते है।
- नीम को आर्युर्वेदिक,यूनानी,होम्योपैथीक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। नीम सब रोगो का निवारण है। ऐसा वेदो में कहा गया है। (Neem Meaning in Hindi) इसका मतलब सभी बीमारियों को दूर करने वाला होता है।
- भारत में बहुत सारी भाषाये है जिसके कारण नीम के अलग-अलग नाम है जैसे: मराठी में कदुलिंब,यूपी व बिहार में नीम,मलयालम में आरु वेपपिला,तमिल में वेपपीला,तेलुगु में वेम,गुजरती में लिम्बा,कन्नड़ में बेवु,बेंगोली में निंबा पटा, कहा जाता है।
- नीम में एंटी-सेप्टिक और एंटी- वायरल तत्व पाये जाते है। नीम बहुत से लक्ष्णों को ठीक करता है इसलिए इसे वन ट्री फार्मेसी कहते है मतलब जड़ी बूटी बनाने वाला पेड़ कहते है।
नीम के फायदे क्या हैं ?
नीम के बहुत से फायदे इस प्रकार है।
- नीम कैंसर रोग को रोकता है – नीम कैंसर रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। कैंसर संस्थान का मानना है नीम के फल, बीज, पत्ती, फूल इत्यादि कैंसर में ग्रीवो और प्रोस्टेट कैलर, Antiumor के प्रभाव को कम करता है।
- बालो के जु कम करना – नीम में कीटनाशक गुण होते है जिससे बालो के जु आसानी से निकल जाता है। नीम के तेल का उपयोग बालो में करने से बालो के अंदर खुजली की समस्या समाप्त हो जाती है।
- नीम की पत्ति खाने के लाभ – नीम की पत्तियों का सेवन करने रक्त शुद्ध हो जाता है यह हानिकारक विषाक्त पदार्थो से छुटकारा पाने में सहायता करती है।
- त्वचा की सुरक्षा – नीम की पत्ती त्वचा सम्बंधित सभी रोगो को कम करता व इंफेक्शन से बचाता है।
- डायबिटीज – डायबिटीज (Diabetes) (मधुमेह) को नियंत्रित करने लिए नीम के पत्तो का रस बहुत उपयोगी होता है।
- नाखुनो के इंफेक्शन दूर करना – नीम की पत्तियों में एंटी- सेप्टिक और एंटी-फंगल गुण होते है जिससे वह बैक्टीरिया को ख़तम करता है और टोनल फंग्स को भी ठीक करता है।
- स्नान करने में उपयोगी – नीम की पत्तियों को उबलने से नीम के गुण पानी में आ जाते है। पानी एंटी बैक्टीयिरल हो जाता है और उस पानी से स्नान करने से त्वचा सम्बंदित समस्या दूर हो जाती है। नीम के कैप्सूल व नीम पाउडर का भी उपयोग कर सकते है।
- गठिया में लाभ मिलना – नीम विशेष रूप से रुमेठी गठिया के लिए हर्बल उपचार है इससे जोड़ो के दर्द और सूजन कम होता है।
- नीम से पेट के कीड़े दूर करना – नीम में कीटाणु से लड़ने की क्षमता होती है इसके कड़वेपन से जीवाणु खतम होने लगते है। नीम के 1 या 2 पत्तो को दिन में दो बार खाये जिससे पेट के कीटाणु मर जायेगे व डॉक्टर की सलाह से नीम के कैप्सूल की खुराक ले सकते है।
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