कई बार हम लोग पानी की कमी को गंभीरता से नहीं लेते हैं लेकिन पानी की कमी के कई गंभीर दुष्परिणाम भी हो सकते हैं ।और यह जरूरी भी नहीं कि इसके लक्षण अचानक ही प्रकट हों। पानी की कमी शरीर पर धीरे धीरे प्रभाव डालती है और यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है जो कि सही मात्रा में रोज पानी नहीं पीते ।पानी की लगातार कमी शरीर को कई तरह से प्रभावित करती है।
- थकान और ऊर्जा की कमी शरीर के ऊतकों में पानी की कमी होने से एंजाइमेटिक गतिविधि धीमी हो सकती है।
- असमय वृद्धावस्था नवजात शिशु के शरीर में जल की मात्रा 80% होती है जो कि वयस्क होने तक घटते घटते 70% रह जाती है उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह और घटती जाती है।
- मोटापा प्रायः लोग नम और तरल भोजन लेना पसंद करते हैं इसीलिए आवश्यकता से अधिक भोजन कर लेते हैं क्योंकि प्यास को लोग कई बार भूख भी समझ लेते हैं।
- हाई और लो ब्लड प्रेशर पानी की कमी से रक्त की मात्रा धमनियों ,शिराओं और रक्त वाहिनी के तंत्र को पूरी तरह से भरने के लिए पर्याप्त नहीं होती।
- कोलेस्ट्रॉल डिहाइड्रेशन होने से कोशिकाओं के भीतर उपस्थित द्रव कम हो सकता है जिससे शरीर अधिक कोलेस्ट्रोल का निर्माण करके इस नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करता है।
- कब्ज चबाया हुआ भोजन आंतों में प्रवेश करता है तो इसमें मौजूद द्रव के कारण मल भली-भांति बन जाता है और आंत इसमें से पानी को सोख लेती हैं। पुराने कब्ज में आंते शरीर के अंगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए अधिक मात्रा में पानी को सोखने लगती हैं।
- पाचन विकार क्रॉनिक डी हाइड्रेशन में पेट में पाचक रसों का निर्माण घट जाता है।
- गैस्ट्राइटिस, पेट के अल्सर पानी की कमी से पेट में पाचक रस बनने की गति बढ़ जाती है और पेट में छाले हो जाते हैं ।
- सांस संबंधी कठिनाइयां फेफड़ों की भीतरी म्यूकस भी सांस के रास्ते भीतर आने वाले कणों को जकड़ लेती है। पानी की कमी से इसकी क्षमता भी प्रभावित होती है।
- एसिड का असंतुलन डिहाइड्रेशन होने से एंजाइम गतिविधियां जाती हैं और शरीर में ज्यादा एसिड बनना शुरू हो जाता है ।
- एग्जिमा एक दिन शरीर में 20 से 24 औंस पसीना बनना जरूरी है जो एसिड की तीव्रता को कम करता है ।इस दर में कमी आने से त्वचा में खारिश खुजली होने लगती है।
- सिस्टाइटिस और यूरिन इंफेक्शन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मूत्र में मौजूद एसिड और टॉक्सिन बाहर निकलते रहते हैं ।लेकिन पानी की कमी से यूरिन सिस्टम की म्यूकस झिल्लियाँ असुरक्षित हो जाती हैं
- गठिया पानी की कमी से रक्त और शरीर के अन्य द्रवों में टॉक्सिन का कंसंट्रेशन बढ़ जाता है जिससे कि गठिया के दर्द में भी उसी अनुपात में वृद्धि होती है। इतने सारे नुकसान जानने के बाद तो आप जरूर ये ध्यान रखेंगे कि शरीर में पानी की कमी ना होने पाए। ये नुकसानदायक भी हो सकता है।