दालचीनी खाने से क्या होता है और दालचीनी को कैसे खाना सही होता है?

दालचीनी में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन ,मैग्निसियम ,फास्फोरस ,पोटेशियम ,सोडियम ,ज़िंक ,विटामिन सी , विटामिन ई, विटामिन ए, थियामिन, कार्बोहाईड्रेट ,नियासिन ,एंटीइंफ्लामेन्ट्री तत्व ,मैगनीज , पॉलीफिनॉल, एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर, कैरोटीन बीटा, लइकोपिन,फॉलेट , पैंटोथेनिक एसिड ,रिबोफ्लेविन आदि पोषक तत्व पाए जाते है।

आइए दालचीनी से जुड़े स्वास्थ्य लाभों को संक्षिप्त में यहाँ देखें:

1. इम्युनिटी

Dalchini हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में बहुत उपयोगी है। दालचीनी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे शरीर को मजबूत बनाये रखती है। इसे खाने से हमारा हृद्य मजबूत होता है। यह कोलोस्ट्रोल को भी नियंत्रित करता है।

दालचीनी के सेवन से हड्डिया मजबूत होती है। इसका उपयोग करने से दिमाग स्वस्थ होता है और मेमोरी बढ़ती है। इससे हमारे फेफड़ो को भी फायदा होता है। इसमें आयरन, मैग्निसियम और प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर के जोड़ो को मजबूत रखता है।

यह हमारे शरीर के विषैले पदार्थो को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ बनाता है।

2. डाईबीटीज

शुगर या डाईबीटीज के रोगियों के लिए दालचीनी (cinnamon in hindi) एक वरदान है। इसमें एंटीडाईबीटीज गुण होते है। यह हमारे शरीर में इन्सुलिन के मात्रा को बढ़ता है और रक्त में शुगर को सामान्य करता है।

यदि मधुमेह के रोगी इसे नियमित रूप से सेवन करते है तो इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स सीरम ग्लूकोस के खतरे को कम करते है और जिन्हे डाईबीटीज होती है उनकी डाईबीटीज को कण्ट्रोल करने में सहायता करते है।

शुगर के रोगी को प्रतिदिन एक से डेढ़ चम्मच दालचीनी का सेवन करना चाहिए। इसे भोजन में भी लिया जा सकता है। दालचीनी को दूध या काफी में लेने से मधुमेह के रोगियों को कोई नुकसान नहीं होता है।

3. डाईजेशन

प्राचीन कल से ही दालचीनी को पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग करते आ रहे है। इसमें एंटी मिक्रोबियल गुण होते है जो पेट में संक्रमण करने वाले वेक्टेरिया को रोकते है।

पाचन सम्बन्धी विकारो में सुधार लाने के लिए दालचीनी का उपयोग अलग अलग प्रकार से करते है।

  • यदि अपच, पेट दर्द, सीने में जलन महसूस हो तो दालचीनी को सोंठ, जीरा और इलायची के साथ बराबर मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने से फायदा होता है।
  • कब्ज, एसिडिटी और गैस के समस्या में दालचीनी के पत्तो को चूर्ण के रूप में अथवा काढ़ा बनाकर उपयोग करते है।
  • दालचीनी को काली मिर्च के चूर्ण और शहद के साथ मिलकर लेने से खाना आसानी से पचता है और डकार आदि के समस्याएं भी दूर होती है। दालचीनी को घबराहट होने या उलटी होने पर भी उपयोग करते है।

4. ब्लड प्रेशर

दालचीनी में कोमोरिन नाम का पदार्थ पाया जाता है जो रक्त को पतला करता है। इसलिए दालचीनी को ब्लड थिनर भी कहते है। इससे हमारे पुरे शरीर में रक्त का संचार सुधारता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

लेकिन इसकी अधिक मात्रा लीवर को नुकसान पहुंचाती है। जब दालचीनी को उपयोग ब्लड प्रेशर को सामान्य करने के लिए किया जाए तो तले हुए और मसालेदार भोजन को नहीं खाना चाहिए। इसके साथ हलकी फुलकी कसरत जरूर करे और शरीर में पानी की कमी नहीं होने दे।

यदि इसका सेवन चाय और दूध के साथ किया जाता है तो यह रक्त संचार बढ़ा देता है।

5. एंटी फंगल

मानव शरीर में फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infection) की समस्या तब होती है जब शरीर के किसी भाग पर बाहरी फंगस जमा होने लगती है। हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम उससे निपट नहीं पाता है।

दालचीनी एक मसाला होने के साथ साथ एक भी औषधि है जो हमारे शरीर को कई वेक्टेरिया से संक्रमित होने से बचती है। यह एंटीबायोटिक, एंटी मिक्रोवियल और एंटी वायरल होती है जो शरीर में मौजूद वेक्टेरिया के संक्रमण को ख़त्म करती है।

इसमें एंटी फंगल तत्त्व पाया जाता है जो फंगल इन्फेक्शन को कम करता है। दालचीनी का तेल फंगस से लड़ने में बहुत सहायता करता हैं।

6. वजन कम – Weight Loss

इस साधारण मसाले से वजन घटाने के अद्भुत फायदे हैं। यह आसान तरीके से वजन कम करने में आपकी मदद करता है; और सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको पहले पेट की चर्बी को पिघलाने में मदद करता है।

पेट की चर्बी, जो हृदय रोगों, मधुमेह और कैंसर के कुछ रूपों के बढ़ते जोखिम से जुड़ी है, से छुटकारा पाना आसान नहीं है।


दालचीनी किन तरीकों से खा सकते हैं – Ways to Eat Cinnamon

दालचीनी को कई रूपों में उपयोग किया जा सकता है जैसे पत्ते ,छाल, जड़ और तेल।

1. दालचीनी स्टेम को दालचीनी पेड़ से काटकर निकाला जाता है फिर इसे छीलकर अलग किया जाता है। इसके बाहरी हिस्से को फेक देते है। यह सूखने पर गोलाकार हो जाती है। इसका सेवन मसाले के रूप में और कई बीमारियों में किया जाता है।

दालचीनी के स्टेम को कई प्रकार से उपयोग किया जाता हे. या तो इसे वैसे ही खाया जा सकता हे. या फिर एक मसाले के रूप में भारतीय व्यंजनों में डाला जा सकता हे.

2. इसको पीस के इसके पाउडर का भी उपयोग कई तरीकों से किया जाता हे. जैसे, इसके पाउडर को आप निम्बू पानी में मिला के पी सकते हैं. या तो दालचीनी की चाय बना सकते हैं. इसे आप अपने खाने जैसे ओट्स, दही में छिड़क के खा सकते हैं. अथवा इसे दूध में मिला के भी पी सकते हैं.

3. दालचीनी (cinnamon in hindi) से तेल भी निकला जा सकता है। इस तेल का उपयोग माउथवाश, साबुन, टूथपेस्ट आदि बनाने के लिए करते है। इसके तेल को घाव और सूजन पर लगाने से फायदा होता है।

4. दालचीनी के पत्तो को तोड़ लिया जाता है।फिर इसे धुप में सूखा कर पाउडर बना लिया लेते है। इस पाउडर को चेहरे पर शहद या दूध के साथ लगाने से मुहांसे नहीं आते है और चेहरा चमकदार बना रहता है।

5. दालचीनी से टेबलेट या गोली भी बनाई जाती है। इसकी एक या दो गोली (पिल्स) को दिन में दो या तीन बार लिया जा सकता है। इसे हमेशा डॉक्टर के निर्देशानुसार लेना चाहिए।


दालचीनी जिसे अंग्रेजी में सिनामोन (cinnamon) कहा जाता हे हमारे स्वास्थय के लिए बहुत लाभदायक हे. दालचीनी और इससे जुडी स्वास्थय लाभ, सही उपयोग, दुष्प्रभाव, सही मात्रा, कब खाना चाहिए, जैसे महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आप मेरे ब्लॉग toppaanch पे दालचीनी पे लिखा मेरा विस्तृत लेख भी पढ़ सकते हैं.

इस लेख को आपको दालचीनी सी जुडी सारी महत्वपूर्ण बातें पता लग जाएंगी। फिलहाल, नीचे लगे हुए चित्र को देखें – इसमें मैं दालचीनी सी जुडी कुछ रोचक तथ्य को दर्शाया हे जो शायद सामान्य रूप में आपको पता न हो.

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