हम सब जानते है कि हमारे शारीर में 60 से 70 % पानी है यानी कि हमारे शारीर के प्रत्येक अंग में पानी ही पानी है, यहाँ तक कि हड्डियों में भी. पानी के बिना 7 दिन से अधिक जीवित नहीं रहा जा सकता है. पानी की मदद से शारीर से जहरीले पदार्थ बहार निकलते है; पसीने के रूप में या फिर पेशाब के रूप में. इसी वजह से पानी हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है.
परन्तु पानी पीने के साथ जरुरी है यह ध्यान रखना कि आप कैसा पानी पी रहे है, क्या पानी स्वच्छ और शुद्ध है. आरओ या यूवी का पानी शुद्ध और पीने लायक माना जाता है परन्तु क्या ये नुक्सान भी पहुचाता है? आइये इस लेख के माध्यम से जानते है कि कैसा पानी पीने युक्त होता है, उसमें टीडीएस की मात्रा कितनी होनी चाहिए, इससे क्या लाभ होता है और यह कितना नुकसान देता है?
पीने के पानी में टीडीएस क्या होता है और इसका क्या महत्व हैं
पानी एक अच्छा विलायक है और उसमें गंदगी आसानी से घुल जाती है. शुद्ध पानी – बेस्वाद, बेरंग, और बिना गंध का होता है जिसे सार्वभौमिक विलायक (universal solvent) कहा जाता है. घुलित ठोस पदार्थ या Dissolved solids किसी भी खनिज, नमक, धातु, अनाज या पानी में विसर्जित आयनों का उल्लेख करता है. पूर्णतः घुले हुए ठोंस पदार्थ (Total dissolved solids) (टीडीएस) में अकार्बनिक लवण (मुख्यतः कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, बाइकार्बोनेट, क्लोराइड और सल्फेट्स) और कुछ छोटी मात्रा में कार्बनिक पदार्थ पानी में विघटित होते है और विशेष रूप से भूजल में, नाइट्रेट भी पानी में पाए जाते हैं.
टीडीएस एमजी प्रति इकाई मात्रा (मिलीग्राम /लीटर) की इकाइयों में व्यक्त की जाती है या इसे प्रति मिलियन (पीपीएम) भागों के रूप में भी संदर्भित किया जाता है. आम तौर पर टीडीएस को प्राथमिक प्रदूषक नहीं माना जाता है (जैसे कि यह स्वास्थ्य प्रभाव से जुड़ा हुआ नहीं माना जाता है). इसका उपयोग यह देखने के लिए किया जाता है कि पानी शुद्ध या पिने योग्य है या नहीं और टीडीएस यह भी संकेत करता है कि उसमें रासायनिक संदूषक हैं या नहीं.
पानी को टीडीएस के स्तर से वर्गीकृत किया जा सकता है:
– मीठा पानी (Freshwater): 500 मिलीग्राम / लीटर से कम यानी टीडीएस = 0.5 पीपीटी
– ब्रेकिश पानी (Brackish water): 500 से 30,000 मिलीग्राम / लीटर यानी टीडीएस = 0.5-30 पीपीटी
– खारा पानी (Saline water) : 30,000 से 40,000 मिलीग्राम / लीटर यानी टीडीएस = 30-40 पीपीटी- Hypersaline पानी : 40,000 से अधिक मिलीग्राम / लिटर यानी टीडीएस> = 40 पीपीटी
इसलिए, पूर्णतः घुला हुआ ठोंस पदार्थ परीक्षण पानी की सामान्य गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए एक सूचक परीक्षण के रूप में उपयोग किया जाता है. घुले हुए ठोंस पदार्थों के स्रोतों में सभी भंगों और आयनों को शामिल किया जाता है, लेकिन निम्न तालिका का उपयोग जल गुणवत्ता की समस्याओं के लिए टीडीएस के संबंध के सामान्यीकरण के रूप में किया जा सकता है.
– कार्बननेट्स के साथ संयुक्त Cations अर्थार्त CaCO3, MgCO3 आदि – कठोरता अथवा कड़वे स्वाद के साथ जुड़े होते हैं.
– क्लोराइड के साथ जुड़े हुए Cations अर्थार्त NaCl, KCl आदि – नमकीन या खारा स्वाद, संक्षारक वृद्धि के साथ जुड़े हुए होते हैं.
इसलिए कहा जाता है कि विभिन्न टीडीएस सांद्रता के साथ पानी का स्वाद जुड़ा होता है. यदि आप पानी की कठोरता के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, तो आप टीडीएस मीटर उपकरण की मदद से इसका परीक्षण कर सकते हैं. 500 मिलीग्राम / लीटर पानी के टीडीएस मूल्य को बहुत कठोर माना जाता है. टीडीएस कम करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाने वाले शुद्धि प्रणालियों कार्बन फिल्टर और रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) हैं.
आइये विभिन्न प्रकार की शुद्धि प्रणालियों के बारे में जानते हैं
आरओ (RO)
आरओ का अर्थ है रिवर्स ओसमोसिस (Reverse Osmosis). आरओ वाटर प्योरीफायर में, पानी के दबाव को बढ़ाने के लिए पंप से पानी पास कराया जाता है फिर आरओ झिल्ली (अर्ध पारगम्य) के माध्यम से इस दबाव वाले पानी को पास करते है. इस प्रक्रिया में घुले हुए ठोंस पदार्थ और पानी में मौजूद टीडीएस समाप्त हो जाते हैं. आरओ वाटर प्योरीफायर कठोर पानी को नरम पानी में कनवर्ट करता है. परन्तु आरओ वाटर प्योरीफायर के इस्तेमाल करने से नुकसान यह है कि यह बहुत अधिक अपशिष्ट जल का उत्पादन करता है.