सुंदर शरीर और स्वस्थ मन के लिए दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?

1. सुबह उठकर एक या दो गिलास ताँबे के बर्तन में रातभर का रखा या स्वच्छ ताजा पानी पिए। दिनभर में दो-दो घंटे के अंतराल से एक-एक गिलास पानी पीए। कुल मिलाकर कम से कम तीन लीटर पानी जरूर पिए

2. सुबह शौचादि से निवृत्त होकर 30 मिनट तक तेज गति से भ्रमण करें या दौडे। योगासन, प्राणायाम, सूर्यं नमस्कार , बागवानी, तैराकी आदि किसी भी एक कार्य में कुछ पल बिताएं।

3. भोजन धैर्य पूर्वक धीरे धीरे चबाकर मौन रहते हुए करें। भूख जितनी हो उतना ही खाना खाएं और ध्यान रखें कि पेट 3/4 ही भरे। दिन में सात घण्टे के अंतराल से केवल दो समय ही समय भोजन करें।

4. सुबह ग्यारह से बारह तक और सायं छ: से सात बजे तक भोजन कर लें। 5. अनाज, दाल व सूखे मेवों को रात भर भिगोकर काम में लें। भोजन में केवल 1/3 भाग ही अन्न और दालें होनी चाहिए। बाकी 2/3 भाग हरी सब्जी हो। 20% पकाए हुए अन्न के साथ 80% कच्चा अन्न लें

6. कम चर्बी ( वसा) वाला तेल ही काम में लें, वह भी कम से कम मात्रा में ले।उचित मात्रा में कच्चा, अकुंरित अन्न, पत्तीदार हरी सब्जियां, मौसम के अनुसार फल, सलाद, फलों का रस, धनिए, पोदीन की चटनी का सेवन करें । पर्क भोजन में चोकर सहित गेहू के आटे की रोटी, बिना पालिश के चावल तथा सूप आदि लें। भोजन को भाप से पकाकर खाएं। 7. चाय की जगह शहद व नीबू का पानी, दूध की जगह दही/छाछ तथा चीनी को जगह गुड़ को महत्व दें।

8. दोनों समय भोजन करने के बाद 10 से 15 मि. तक वज्रासन में बैठे।

9. थोड़ कठोर विस्तार पर सोये तथा बहुत पतले तकिये का इस्तेमाल करें। सोने से पूर्व अपनी सारी चिताओं से मुक्त हो जाएं। बायीं करवट तथाd पेट के बल (बलासन) सोने की आदत डालें। सोने व खाने के मध्य तीन घण्टे का अंतराल रखें।

10. गहरी सांस लें और सीधे तन कर बैठे या चलें। दिन में दो बार शौच जाने एवं दो बार ठण्डे या ताजे पानी से स्नान करने की आदत डालें। स्नान करने के बाद पहले हाथों से मालिश करके पानी सुखा लें। फिर तौलिए से पोछें। दिन में दो बार ईश्वर का ध्यान करें। एक बार सुबह सूर्योदय से पहले तथा दो बार रात को सोने से पहले।

11. नमक, चीनी, मिर्च-मसाले, दालें, आइसक्रीम, पका हुआ भोजन आलू आदि सीमित मात्रा में लें। ऊंची एडी की चप्पल , जूते, टीबी व सिनेमा, मोटापा व थका देने वाले व्यायाम से बचें । 13. चाय, कॉफी, धूम्रपान, शराब, दवा ब अन्य बुरी आदतों से दूर रहे। मैदा ब पॉलिश किए हुए चावल, मांसाहार, सुबह का नाश्ता डिब्बा बन्द सुखाए हुए, मिलावटी रंगयुक्त, सुगध युक्त, कृत्रिम आहार आदि से बचें।

14. वनस्पति घी व सभी तरह के रिफाइंड तेल से दूर रहें। कोई भी अप्राकृतिक भोजन या पेय न लें।बिना भूख, बिना मन, चिंतित अवस्था या बुखार में भोजन न लें। बहुत गर्म या बहुत ठडे भोजन से परहेज करें। शोरगुल, हवा, पानी आदि के प्रदूषण से बचें। हानिकारक प्रसाधन सामग्री, कृत्रिम वस्त्र, साबुन, इंटीमेट का इस्तेमाल न करें।

15. भोजन के आधा घष्टा पहले तथा एक घण्टा बाद ही पानी पिए।

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