आयुर्वेद में सुबह रात की भीगी किशमिश खाने को क्यों कहते हैं ?

छोटे साइज की किशमिश में ढ़ेर सारे गुण छुपे रहते हैं। इनमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है।

। इसमें मौजूद पोषक तत्व कई बीमारियों को जड़ से दूर कर देते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेड पाया जाता है जो एनर्जी का अच्छा सोर्स होता है। इसे हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार रोज सूखी के बजाय भीगी किशमिश खाने से कई गुना ज्यादा फायदा मिल सकता है।

इसके लिए करीब 10-15 किशमिश को रात को पानी में भिगोकर रखना है और सुबह खाली पेट अच्छी तरह चबाकर खाना है। चूंकि अंगूर को सुखाकर किशमिश बनाई जाती है इसलिए इसमें पोषक तत्व और भी ज्यादा कंसनट्रेटेड रहते हैं।। किशमिश पौष्टिक, रोगनाशक भोजन है यह दिमाग के लिए भी फायदेमंद होती हैं ।

कब्ज दूर करने के लिए किशमिश के कुछ दाने पानी में थोड़ी देर तक भिगोकर रखे, इसके बाद इसे पानी से निकालकर खा लीजिए। नियमित रूप से इसका सेवन करने से कब्ज दूर हो जाता है।
एसिडिटी की बीमारी में किशमिश के पानी का सेवन करें। किशमिश का पानी एसिडिटी को कम करने के लिए फायदेमंद होता है।
किशमिश के पानी को पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती हैं इसलिए किशमिश के पानी का नियमीत रूप से सेवन करें |

किशमिश के पानी पीने से खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी सही लेवल पर बना रहता है। शरीर में ट्राईग्लिसेराइड्स के स्तर को कम करने में फायदेमंद होता है।
किशमिश के गुण कमजोरी दूर करने में – जिन लोगो को कमजोरी की वजह से अक्सर चक्कर आते हों, या लो ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती हों ऐसे में आप 40 दिन तक रोज़ 32 भिगोई हुई किशमिश खाएगें तो इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा लेंगे |
हड्डियों को मजबूती देने के लिए भी किशमिश के फायदे है इसको खाने से हड्डियां मजबूत बनती है। जिससे घुटनों की समस्या नहीं होती।
स्त्रोत – आभार सहित google

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