इतना आसान नहीं बांग्लादेश के खिलाफ जित

बीते वर्षों में बांग्लादेश की पहचान रही है कि जब उसके सामने करो या मरो की स्थिति आती है तो वो खतरनाक रूप ले लेती है. भारत को इस बात से वाकिफ रहना होगा. अगर भारतीय टीम की बात की जाए तो वह एक दिन पहले यानि रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेली थी और एक दिन के आराम के बाद ही उसे यह मुकाबला खेलना है

बर्मिंघम:आईसीसी विश्व कप-2019 (World Cup 2019) में भारतीय क्रिकेट टीम का सामना मंगलवार को एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर बांग्लादेश (India vs Bangladesh) से होने जा रहा है. अभी तक बेहतरीन फॉर्म में दिखी भारतीय टीम को हालांकि अपने पिछले मैच में इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा. बांग्लादेश (INDvsBAN) एक ऐसी टीम है जिससे इस विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद तो सभी ने की थी, लेकिन जिस तरह की क्रिकेट यह एशियाई टीम खेल रही है, उसने सभी को हैरान कर दिया है. इस विश्व कप में इस टीम की खासियत उसके प्रदर्शन में निरंतरता रही है जिसकी कमी पूर्व में उसके प्रदर्शन में साफ दिखाई पड़ती रही है.

एजबस्टन में होने वाले मैच में भारत को सतर्क रहना होगा. वैसे तो भारत सेमीफाइनल में जाने से एक अंक की दूरी पर है लेकिन अगर बांग्लादेश के खिलाफ उसे हार मिलती है तो उसका श्रीलंका के खिलाफ मैच करो या मरो जैसा हो जाएगा. बांग्लादेश किसी भी टीम का खेल बिगाड़ सकती है. साल 2007 विश्व कप में इसी टीम ने भारत को मात देकर शुरुआती दौर से बाहर कर दिया था. ऐसे में भारत को बांग्लादेश की मौजूदा फॉर्म को देखकर सतर्क रहना होगा.

भारत के खिलाफ वैसे भी बांग्लादेश ने अमूमन अच्छा किया है, कई जीतें हासिल की हैं. इस बार यह टीम लय में है और आत्मविश्वास से भरी है. इस मैच से पहले भारत को एक और झटका भी लगा है. हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर पैर में चोट के कारण विश्व कप से बाहर हो गए हैं। शंकर भारत के दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जो विश्व कप से बाहर हो गए हैं. उनसे पहले शिखर धवन को भी अंगूठे में चोट के कारण विश्व कप से बाहर जाना पड़ा था. बांग्लादेश टीम को यहां तक पहुंचाने में उसके सबसे अनुभवी खिलाड़ी शाकिब अल हसन का अहम योगदान रहा है जिन्होंने बल्ले और गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन किया है. जबकि तमीम इकबाल ने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ बड़े मैचों में बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन किया है.
बांग्लादेश सिर्फ शाकिब के दम पर ही नहीं है. तमीम इकबाल, महमदुल्ला, मुश्फिकुर रहीम, लिटन दास, इन सभी ने भी शाकिब के साथ मिलकर स्कोरबोर्ड को चलाया है. गेंदबाजी में कप्तान मशरफे मुर्तजा, मुस्तफीजुर रहमान टीम के लिए बड़ा रोल निभाते आए हैं. लंबे अंतराल के ब्रेक के बाद मैदान पर उतर रही बांग्लादेश एक बार फिर भारत के खिलाफ शाकिब के ऊपर सबसे ज्यादा निर्भर करेगी और उम्मीद करेगी कि उनकी और रहीम की जोड़ी बड़े मैच में एक बार फिर कमाल दिखाए. इस मैच में जीत बांग्लादेश के लिए सेमीफाइनल की उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए भी जरूरी है.

बीते वर्षों में बांग्लादेश की पहचान रही है कि जब उसके सामने करो या मरो की स्थिति आती है तो वो खतरनाक रूप ले लेती है. भारत को इस बात से वाकिफ रहना होगा. अगर भारतीय टीम की बात की जाए तो वह एक दिन पहले यानि रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेली थी और एक दिन के आराम के बाद ही उसे यह मुकाबला खेलना है. इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम का विजय क्रम रुक गया. मेजबान टीम के खिलाफ भारतीय टीम ने रन भी लुटाए और उसके बल्लेबाज रन भी नहीं बना पाए. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने भारत को शुरुआत में विकेट तो नहीं दिलाए थे लेकिन रन रोकने में जरूर सफल हुए थे. मध्य के ओवरों में युजवेंद्र चहल तथा कुलदीप यादव की जोड़ी को काफी रन पड़े थे। इस मैच में भारत को अपनी कमियों का दोबारा पता चला.

गेंदबाजी में उसके खिलाड़ियों के पास एक रणनीति के विफल होने के बाद दूसरी रणनीति का अभाव दिखा था. इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बांग्लादेश ने जरूर देखा होगा कि उन्होंने भारत के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के सामने क्या किया. भारतीय गेंदबाजों को इस मैच में बेहतर रणनीति और बैकअप प्लान के साथ उतरना होगा क्योंकि जिस तरह की बल्लेबाजी जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टो ने की थी उस तरह की बल्लेबाजी तमीम, शाकिब और रहीम करने में सक्षम हैं. अगर भारतीय बल्लेबाजी की बात की जाए तो एक बार फिर भारत को गौर करना होगा कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज का अंत तक न रहना टीम के लिए हार की संभावना को बढ़ा देता है. रोहित और कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ बेहतरीन पारियां खेलीं लेकिन जैसे ही यह दोनों आउट हुए, भार आया मध्य क्रम पर जहां चोटिल शंकर की जगह नंबर-4 पर युवा ऋषभ पंत को मौका मिला था. पंत ने बल्लेबाजी अच्छी की लेकिन वह जल्दी आउट भी हो गए.

हार्दिक पंड्या भी मैच को अंजाम तक पहुंचाने का दम नहीं दिखा पाए और महेंद्र सिंह धोनी का मिदास टच जैसे चौके और छक्कों की जगह एक-एक रन लेने तक ही सीमित हो गया है. एक हार हालांकि भारत को बुरी टीम नहीं बनाती है लेकिन यह जरूर बताती है कि जब सामने वाली टीम आपकी ताकत पर हावी हो तो आपके पास बैकअप प्लान हो, साथ ही पुरानी गलतियों को सुधारने का मौका भी देती है. दोनों टीमों की फाइनल इलेवन इन खिलाड़ियों से चुनी जाएगी:

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