कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा अर्चना की जाती है. इससे आपके सभी दूख और परेशानियां दूर हो जाती है. इनकी पूजा करने से कुंडली में राहु-केतु और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है.
आज कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा अर्चना की जाती है. काल भैरव को भगवान शिव के गण और माता पार्वती के अनुचर माने जाते हैं. हिंदू धर्म में भैरव का बहुत महत्व है. भैरव शब्द का अर्थ है भय को हैराने वाला है. ऐसी मान्याता है भैरव में ब्रह्मा, विष्णु और शिव की शक्तियां समाहिता है. इस दिन भगवान भैरव के बटुक रूप की पूजा होती है क्योंकि वो उनका सौम्य रूप है.
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami) मनाई जाती है. ज्येष्ठ महीने में कालाष्टमी 2 जून 2021 यानी आज है. कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा अर्चना की जाती है. इनकी पूजा करने से कुंडली में राहु-केतु और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. कालाष्टमी के दिन पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.
कालाष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अष्टमी आरंभ- 2 जून रात 12 बजकर 46 मिनट से
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अष्टमी समाप्त – 03 जून रात 01 बजकर 12 मिनट तक रहेगा
पूजा विधि
इस दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसेक बाद घर के मंदिर में कालभैरव की मूर्ति की स्थापना करें और चारों तरफ गंगाजल का छिड़काव करें. इसके बाद फूल, अक्षत, पान, इमरती, नारियल आदि चढ़ाएं. मूर्ति के चारों तरफ चौमुखी दीप जलाएं और धूप- दीप करें. फिर भगवान कालभैरव का पाठ करें. इसके बाद 108 मंत्रों का जाप करें. आरती के बाद पूजा संपन्न करें.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव का वाहन कुत्ता है. इस दिन कुत्ते को रोटी खिलाना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन रात्रि के समय में भगवान कालभैरव को सरसों का तेल, उड़द की दाल से बने पकवान, काला तिल चढ़ाना से आपकी सभी मनोकामानाएं पूर्ण हो जाती है.
कालाष्टमी व्रत का महत्व
कालाष्टमी के दिन श्रद्धापूर्वक व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा होती है. इस दिन व्रत रखने से कुंडली में राहु दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही शनि ग्रह के बुरे प्रभाव से भी बचा जा सकता है. कालाष्टमी के दिन भक्तों को भगवान भैरव के बटुक रूप की पूजा करनी चाहिए. क्योंकि वो उनका सौम्य रूप है. वहीं कालभैरव उनका रौद्र रूप है जो भक्तों के लिए परोपकारी और कल्याणकारी हैं. भगवान काल भैरव की पूजा करने से भय, रोग और शत्रु से मुक्ति मिलती है.
A 41-year-old man in #China’s eastern province of Jiangsu has been confirmed as the first human case of infection with a rare strain of bird flu known as #H10N3: Beijing’s National Health Commission (NHC) pic.twitter.com/uWs4LzTYnC
— DD News (@DDNewslive) June 2, 2021
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