2017 में चीन ने दिखाई हिमाकत

बीजिंग: चीन ने दक्षिण चीन सागर में कब्जा किए गए द्वीपों का 2017 में विस्तार किया और वहां रडार सुविधाओं और हैंगर समेत अन्य सुविधाओं का निर्माण किया, जो 2,90,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला है. आधिकारिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली. चीन का ऊर्जा से भरपूर दक्षिण चीन सागर के 90 फीसदी क्षेत्र पर दावा है, जिसे लेकर उसका देशों के साथ विवाद है. इसे देखते हुए चीन इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है. नेशनल मरीन डेटा एंड इंफॉरमेशन सर्विस और पीपल्स डेली के ओवरसीज एडिशन द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे वेबसाइट नानहाई डॉट हाईवाईनेट डॉट सीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में 2017 में 2,90,000 वर्गमीटर क्षेत्र में निर्माण किया, जिसमें अंडरग्राउंड स्टोरेज, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग्स, और बड़े रडारों की स्थापना शामिल है.

इस रिपोर्ट में कहा गया कि चीन ने दक्षिण चीन सागर के द्वीपसमूह के क्षेत्र में अपना व्यापक रूप से विस्तार किया है ताकि उसके प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में सैन्य रक्षा क्षमता बढ़ाई जा सके तथा उन द्वीप समूहों पर रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो सके. दक्षिण चीन सागर से करीब 5,000 करोड़ डॉलर का समुद्री व्यापार होता है, जिस पर चीन के अलावा मलेशिया, ब्रुनेई, वियतनाम, फिलीपींस और ताइवान का भी दावा है. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया के संकट से चीन को फायदा हुआ है, क्योंकि अमेरिका उसे सुलझाने में व्यस्त हैं. वहीं, चीन विवादित क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है.

ताइपे ने मंगलवार (26 दिसंबर) को एक वार्षिक रक्षा समीक्षा रिपोर्ट में चेतावनी दी कि चीन के निरंतर बढ़ते सैन्य अभ्यास ताइवान की सुरक्षा के लिए ‘बड़ा खतरा’ हैं. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और आवश्यकता पड़ने पर बलपूर्वक उसका फिर से अपने देश में विलय कर सकता है. वर्ष 1949 में हुए एक गृहयुद्ध के बाद दोनों देश अलग हो गए थे. यद्यपि ताइवान स्व:शासित लोकतंत्र है परंतु इसने कभी भी औपचारिक रूप से खुद को स्वतंत्र घोषित नहीं किया है. पिछले साल ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के पद संभालने के बाद से बीजिंग ने द्वीप के आसपास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं क्योंकि उन्होंने (राष्ट्रपति ने) दोनों क्षेत्रों को ‘वन चाइना’ का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया था.

ताइवान के रक्षा मंत्री फेंग शिह-कुआन ने मंगलवार को जारी 14वीं रक्षा रिपोर्ट में कहा कि निरंतर सैन्य अभ्यासों ने ‘ताइवान क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर एक बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है.’ फेंग ने कहा, ‘ताइवान, चीन के रक्षा बजट और सैन्य विकास का मुकाबला नहीं कर सकता.’ उन्होंने कहा कि इसकी बजाय, ताइवान ‘चीनी सेना द्वारा अग्रिम प्रयासों को रोकने के लिए असंयमित युद्ध के विकास की एक योजना का गंभीरता से आकलन एवं रेखांकन कर रहा है.’

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