सूजन, इंफेक्शन और शुगर को कम करती हैं इमली की पत्तियां, जानें इसके फायदे
इमली में औषधीय गुण होते हैं, इससे हम सभी वाकिफ हैं। लेकिन इमली की पत्तियां भी बेकार नहीं हैं। कई ऐसे घरेलू नुस्खे हैं जिसमें इमली की पत्तियों का इस्तेमाल कर सेहत की समस्याओं में राहत मिलती है। इमली की पत्तियों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जब इमली की पत्तियों का रस निकाला जाता है और घावों पर लगाया जाता है, तो वे घाव को तेजी से ठीक करते हैं। इसके पत्तों का रस किसी भी अन्य संक्रमण और परजीवी विकास को रोकता है। इसके अलावा यह नई कोशिकाओं का नर्मिाण भी तेजी से करता है।
– इमली की पत्तियों के अर्क से स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन के दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है।
– इमली की पत्तियों का अर्क जननांग संक्रमण रोकता है और इसके लक्षणों से राहत प्रदान करने में उपयोगी है।
– इमली की पत्ती विटामिन सी का भंडार होते हैं, जो कि किसी भी सूक्ष्मजीव संक्रमण से शरीर की रक्षा करता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
– पत्तियों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए पपीता, नमक और पानी को पत्तियों में मिलाया जा सकता है। लेकिन, सुनश्चिति करें कि आप बहुत अधिक नमक का उपयोग नहीं करते हैं।
– इमली की पत्तियों में सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं और जोड़ों के दर्द और अन्य सूजन के इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
– इमली की पत्तियों का सेवन करने से शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और इंसुलिन संवेदनशीलता भी बढ़ जाती है। इससे शुगर की बीमारी (मधुमेह) में राहत मिलती है। यह पीलिया को ठीक करने में भी मदद करती है।
– स्कर्वी विटामिन सी की कमी के कारण होता है। यह नाविक की बीमारी के रूप में भी जाना जाता है, आमतौर पर स्कर्वी मसूड़ों और नाखूनों, थकान आदि जैसे लक्षणों के साथ होता है। इमली के पत्तों में उच्च एस्कॉर्बिक एसिड सामग्री होती है, जो एंटी-स्कर्वी विटामिन के रूप में कार्य करती है।
इमली का खट्टा-मीठा स्वाद किसी के भी मुंह में देखते ही पानी ला देता है। इसीलिए इमली का उपयोग खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। परन्तु बहुत कम लोग जानते हैं कि इमली सिर्फ टेस्टी ही नहीं है यह स्वाद के साथ सेहत से भी भरी है। जी हां सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है इमली कई तरह क से औषधीय गुणों से भरपूर है।
इमली कई पोषक तत्वों से भरपूर है जिसमें विटामिन सी,ई और बी भी शामिल है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैगनीज और फाइबर पूरी मात्रा में है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी हैं।
वजन घटाने के लिहाज से इमली का सेवन लाभदायक है। इसमें हाइड्रोऑक्साइट्रिक एसिड भी शामिल है जो शरीर में फैट्स बर्न करने वाले इन्जाइम को बढ़ाता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
भूख लगती है
पके हुए इमली के फलों को पानी के साथ रगड़कर रस तैयार किया जाता है और थोड़ी सी मात्रा में काला नमक डालकर खाया जाए तो भूख लगने लगती है। प्रतिदिन दो बार ऐसा करने से भूख ना लगने की शिकायत दूर हो जाती है।
पाचन प्रक्रिया को ठीक रखें
इमली का सेवन पाचन प्रक्रिया को ठीक रखने में भी लाभदायक होता है। इसमें फाइबर की अधिकता पाचन के लिए मददगार होती है। कब्ज से लेकर डायरिया जैसी पाचन संबंधी समस्याओं के उपचार में इमली बहुत फायदेमंद होती है। पाचन संबंधी परेसानी से बचने के लिए एक चम्मच इमली के गूदे को एक लीटर पानी में मिलाकर, इसे उबाल लें फिर छानकर इसका अर्क बनाकर पी लें।
शराब एवं भांग का नशा उतारने में
नशा ख़त्म करने के लिए पकी इमली का गूदा जल में भिगोकर, मथकर, और छानकर उसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर पिलाना चाहिए ।
सूजन में आराम
इमली की पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर लेप तैयार किया जाए और जोड़ दर्द वाले हिस्सों या सूजन वाले अंगों पर लेपित करके सूती कपड़े से बांधकर रखा जाए, तो दर्द और सूजन में तेजी से आराम मिलता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली में मजबूती
एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण दोनों मिलकर इमली को कठोर प्रतिरक्षा प्रणाली के निर्माण का अद्भुत विकल्प बनतो हैं। नियमित रूप से इमली के सेवन से सभी प्रकार के माइक्रोबियल संक्रमण से दूर रहने और अन्य संक्रमणों से लड़ने की अधिक शक्ति मिलती है।
कान की समस्या एक व्यक्ति को अगर कान में ज्यादा दर्द है,तो तेल के साथ इमली का रस असरदार काम करता है।
वजन कम करें
अगर आप बढ़ते वजन को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वजन घटाने के लिहाज से इमली का सेवन लाभदायक होता है। इसमें अधिक मात्रा में हाइड्रोऑक्साइट्रिक एसिड की मौजूदगी शरीर में फैट को जलाने वाले इन्जाइम को बढ़ाने में मदद करते है, जिससे वजन घटाने में सहायतामिलती है। तो वजन कंट्रोल करने के लिए आज से ही अपने भोजन में इमली को शामिल करें।
जुकाम इमली के फलो के रसः से तीव्र ठण्ड का इलाज किया जा सकता है।
सीने में जलन होने पर पकी इमली के रस में मिश्री मिलाकर पीएं सीने की जलन ख़त्म हो जाती है।
पीलिया ठीक होता है
इमली की पत्तियों और फूलों को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार किया जाता है और इस काढ़े का सेवन पीलिया से ग्रसित व्यक्ति को दिया जाता है। माना जाता है कि इस काढ़े का सेवन एक सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार करने से काफी लाभ पहुंचता है।
स्कर्वी यह बीमारी विटामिन सी की कमी से होने वाला रोग है, जिससे त्वचा में दाग आ जाते हैं, मसूड़े स्पंजी हो जाते हैं और श्लेष्मा झिल्ली से खून बहता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति पीला और उदास दिखता है। इमली में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह स्कर्वी के इलाज में फायदेमंद है।
नर्वस सिस्टम में मजबूती
इमली थियामाइन से सुध होती है, जो विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है। थियामाइन तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने और मांसपेशियों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। थियामाइन का सेवन अच्छी तरह से नर्वस को रिलैक्स करने में सहायता करता है।
दिल के लिए लाभकारी पोटेशियम की मौजूदगी के कारण इमली ब्लड प्रेशर को ख़त्म करने में मदद करती है। साथ ही इमली में पाया जाने वाला फाइबर भी कोलेस्ट्रॉल को ख़त्म करने में मदद करता है। इमली के एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को चैक में रखते है। इन सब का एक साथ होने का यानी हेल्दी दिल।
पेचिश यह आंत में सूजन होने से होता है, जिससे दस्त के मल में अत्यंत बलगम या खून का निकास होता है। कभी-कभार साथ में बुखार और पेट दर्द की समस्या भी पैदा हो जाती है। इमली का पेय पेचिश के इलाज में सहायक है।
खाज-खुजली
इमली के बीज नींबू के रस में पीसकर लगाने से खाज ख़त्म होती है।
जलन होने पर
सीने में जलन होने पर पकी इमली के रस में मिश्री मिलाकर पीएं सीने की जलन कम हो जाती है। ह्रदय में जलन होने पर पकी इमली का रस मिश्री के साथ पिलाने से ह्रदय में जलन ख़त्म हो जाती है |
वमन (उल्टी)
इमली को रात में पानी में डालकर रख लें। सुबह उसे मसलकर और छानकर उस पानी में थोड़ा–सा सेंधानमकमिलाकर थोड़ा–थोड़ा सा पीने से उल्टी ख़त्म होती है।
गर्मी की वजह से अगर उल्टी हो रही हो तो पकी हुई इमली को पानी में निचोड़कर छानकर पी लें। इसको पीने से उल्टीआना ख़त्म हो जाती है।
वमन (उल्टी) और गर्मी के बुखार होने पर इमली का शर्बत बनाकर पीना चाहिए।
पकी हुई इमली को पानी में भिगोकर इसके रस को पीने से वमन (उल्टी) ख़त्म हो जाती है।
डायबिटीज पर नियंत्रण
इमली एक अल्फा एमिलेज अवरोध है- यह कार्बोहाइड्रेट को शुगर में अवशोषित और परिवर्तित होने से रोकता है, जो ब्लड शुगर स्तर के बढ़ने का सबसे अच्छा कारण है। आधा चम्मच इमली का गूदा प्रतिदिन लेने से न केवल आपका वजन कम होता है, बल्कि डायबिटीज भी कंट्रोल में रहती है।
चक्कर आना
लगभग 25 ग्राम बिना बीज की इमली को 125 ग्राम पानी में भिगों दें। एक घंटे तक भिगोने के बाद मसल-छानकर इसमें चीनी मिलाकर सुबह और शाम को पिलाने से चक्कर आने ख़त्म हो जाते हैं।
गठिया का दर्द दूर करें
सूजन त्वचा से संबंधित बड़ी समस्या है। यह शरीर के कई आंतरिक अंगों को प्रभावित करती है, और दर्द का कारण बनता है। लेकिन इमली सूजन के इलाज की एक बहुत अच्छी दवा है। जोडों में दर्द और लुब्रिकेशन के लिए आधा चम्मच भुने हुए इमली के बीज के पाउडर को दो बार पानी के साथ लेना चाहिए।
मानसिक उन्माद (पागलपन)
20 ग्राम इमली को जल के साथ पीस-छानकर पागलपन के रोगी को पिलाने से पागलपन या उन्माद ख़त्म हो जाता है।
बवासीर
इमली का रस निकाल कर जिनको खुनी बवासीर हो उन्हें दोनोंसमय पिलाने से उनको बवासीर में राहत मिलती है । और बवासीर कुछ दिनों मेंही सही हो जाता है ।
दाद
इमली के बीच को नींबू के रस में घिसकर दाद पर लगाने से दाद सही हो जाता है।